Israel Iran War: एक साल से भी ज्यादा वक्त से युद्ध से जूझ रहा इजरायल दुश्मनों को अब भी कड़ी चुनौती दे रहा है. लेकिन अब ऐसी रिपोर्ट भी सामने आ रही हैं कि इजरायल को समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. गाजा और लेबनान में एक साल से चल रहे युद्ध के कारण इजरायल को मिसाइल और रॉकेट इंटरसेप्टर्स की कमी का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस कमी के चलते एक करोड़ इजरायलियों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है.
कमजोर पड़ रही इजरायल की रक्षा प्रणाली
एक्सपर्ट्स और पूर्व सैन्य अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ईरान अभी एक बड़ा हमला करता है, तो इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली बुरी तरह प्रभावित होगी. इजरायल कई लेयर वाली वायु रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल करता है. जिसमें आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग, और एरो सिस्टम शामिल हैं.
लगातार हमले और बेतहाशा खर्च
आयरन डोम छोटी दूरी की मिसाइलों को रोकने के लिए जाना जाता है. जबकि डेविड्स स्लिंग मध्यम दूरी की और एरो प्रणाली लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए है. हालांकि, लगातार हमलों और बेतहाशा खर्च के कारण आपूर्ति श्रृंखला इसे बनाए रखने में विफल हो रही है.
हमास और ईरान के हमलों ने किया कमजोर
बता दें कि 7 अक्टूबर से अब तक हमास ने 20,000 से अधिक रॉकेट और मिसाइलें दागी हैं. इसी तरह ईरान ने भी इजरायल पर कई हमले किए हैं. ईरान ने बीते दिनों इजरायल पर बड़ा मिसाइल हमला किया है. इन हमलों ने इजरायल की क्षमताओं को चुनौती दी है.
अमेरिका का समर्थन
इस संकट के बीच अमेरिका ने इजरायल को थर्मिनल हाई अल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) मिसाइल प्रणाली और 100 सैनिक भेजने का वादा किया है. THAAD एक शक्तिशाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है. THAAD बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता रखता है. इसके मिलने के बाद इजरायल को आयरन डोम प्रणाली को और मजबूत करने में मदद मिलेगी.
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